उदासी की बातें ये मन हर रोज़ करता है
कभी खामोश कभी कभी ये दिल रोता है |
पर खुद से कभी मैं ये सवाल नहीं करता
अपनों के बदलने का मैं मलाल नहीं करता |
क्यों उम्मीद लिए बैठा है दिल उस के आने का
खबर तक न हुई जिसे तुझे से बिछड़ जाने का |
दिल मेरा करता है मुझ से ये दुहाई
तक़दीर को मंज़ूर होगी शायद जुदाई |
पर नज़रें चुरा कर उनका यूँ गुज़रना
मुझे उसकी चाहत से करता है रुसवाई |
लगता है शायद मिल गया है उसे मुझसा कोई
या मेरे प्यार की और क़दर अब उससे होने न पाई |
कभी खामोश कभी कभी ये दिल रोता है |
पर खुद से कभी मैं ये सवाल नहीं करता
अपनों के बदलने का मैं मलाल नहीं करता |
क्यों उम्मीद लिए बैठा है दिल उस के आने का
खबर तक न हुई जिसे तुझे से बिछड़ जाने का |
दिल मेरा करता है मुझ से ये दुहाई
तक़दीर को मंज़ूर होगी शायद जुदाई |
पर नज़रें चुरा कर उनका यूँ गुज़रना
मुझे उसकी चाहत से करता है रुसवाई |
लगता है शायद मिल गया है उसे मुझसा कोई
या मेरे प्यार की और क़दर अब उससे होने न पाई |