Friday 29 March 2019

#अधूरी_मोहब्बत

किसी का किसी से  से हर रोज़ एक ही  वक़्त पे बातें करना 
और अचानक से एक दिन किसी एक का ख़ामोश हो जाना |

किसी की खुशियों को गम में तब्दील करने लगती है
किसी को अपनी ज़िन्दगी जन्नत सी लगने लगती है |

कोई  अपनी  ज़िन्दगी में  मशगूल हो  कर रह जाता है
किसी की मशगूल ज़िन्दगी भी तन्हा  गुजरने लगती है |

कोई  उम्र-भर  खुशियाँ  तलाशता ही रह जाता है
किसी को हर मोड़ पर खुशियाँ तलाशने लगती है |

कोई  ता-उम्र  यादों  के  घर  में  कैद  रह जाता है
और  किसी  को  हर  रोज़  यादें  ढूढ़ने  लगती है |

कोई एक लफ्ज़ में सब कुछ कह जाता है 'साबिर'
और किसी को समझने में ज़िन्दगी लगने लगती हैं |

 -साबिर बख़्शी 


  

No comments:

Post a Comment

Plz comment if you like the post

तू कभी मेरी हो न पाई....

सुन अब तो तू हज़ार वादें कर ले  और दे-दे चाहे मुझे लाखो सफाई मगर इतना तो बता ये कैसे भूलूँगा मैं   के फितरत में तेरी शामिल है बेवफाई   मान लि...