Tuesday 28 August 2018

अंजाम-ए-इश्क़

लबों की मुस्कान थे जो कभी,,
वो आसुओं की वजह हो गए..

मासूमियत की मूरत थे जो कभी,,
वो ग़म-ओ-तन्हाई की सूरत हो गए..

रातों के अँधेरे में शामिल थे जो कभी,,
वो सुब्ह-सवेरा होते ही फ़ना हो गए..

तारों की बातें करते थे जो कभी,,
वो आसमान में ही कहीं खो गए..

जिनके वफ़ा की मिसाल देते थे हम कभी,,
वो तआ'रुफ़ में हमारी बे-वफ़ा हो गए..

साथ जिसके सपनो सी लगती थी दुनिया कभी,,
वो ज़िन्दगी के हक़ीक़त में कहीं खो गए..

दिल में तेरे है घर मेरा कहते थे जो कभी,,
वो वक़्त की ज़रा सी आंधी में बेघर हो गए..

आहिस्ता-आहिस्ता कहते थे कानो में जो कभी,,
वो ज़माने के शोर-ओ-गुल्ल में कहीं खो गए..

सोच-समझ कर करते थे खताये जो कभी,,
वो ज़रा सी नादानी से हमारी खफा हो गए.. 

Tuesday 14 August 2018

Bharat ki baat kar....

राह-ए-हक़ पे चल कर,अज़मत की बात कर,,
ए क़ौम-ए-हिन्द मेरे भारत की बात कर,,

नफरत को मिटा कर संसार मे मोहब्बत क़ाएम कर,,
नूर-ए-हक़ फैला कर फ़ज़ाओं में चाहत की बात कर,,
ए क़ौम-ए-हिन्द मेरे भारत की बात कर..!!

सरहद-ए-मौत पर दिवार बन खड़े थे चमन के वास्ते वतन वाले,,
ललकार से जिनके फ़ज़ाएँ गूँज उठी थी उनके हिम्मत की बात कर,,
ए क़ौम-ए-हिन्द मेरे भारत की बात कर..!!

वतन-परस्तों ने वतन को दिल-ए-अज़ीज़ जान कर,,
आज़ादी के खातिर जान दी है उनके शहादत की बात कर,,
ए क़ौम-ए-हिन्द मेरे भारत की बात कर..!!

तोड़ कर बंदिशें ज़ात-पात की 'साबिर' अब खुद को आज़ाद कर,,
लूट चुकी आबरूऐं बहुत वतन की अब हिफाज़त की बात कर,,
ए क़ौम-ए-हिन्द मेरे भारत की बात कर..!!

तू कभी मेरी हो न पाई....

सुन अब तो तू हज़ार वादें कर ले  और दे-दे चाहे मुझे लाखो सफाई मगर इतना तो बता ये कैसे भूलूँगा मैं   के फितरत में तेरी शामिल है बेवफाई   मान लि...