वक़्त ही तो था,बदल गया,
तो क्या हुआ...
दिल ही तो था, टूट गया,
तो क्या हुआ...
इंसान ही तो था, बदल गया,
तो क्या हुआ...
सबर ही तो था, टूट गया,
तो क्या हुआ...
बात ही तो था, चुभ गया,
तो क्या हुआ...
साथ ही तो था,छूट गया,
तो क्या हुआ...
तक़दीर से क्या होता है,
ज़िद्द तक़दीर बदल देती है,,,
हालत से क्या होता है,
इरादे हालत-ए-ज़िन्दगी बदल देती है..
मुश्किलों से क्या होता है,
दुआए मुश्किलें हल कर देती है.!!
बख़्श✍