वो वक़्त भी कितना खुश नसीब था,,
जब तेरा दिल मेरे दिल के क़रीब था..
दूरियां लिखी थी हमारी क़िस्मत में,,
या शायद वो वक़्त थोड़ा अजीब था..
तेरे पास खड़ा वो सेहमा सा लड़का,,
तेरे लिए शायद वो तेरा रक़ीब था...
वाक़िफ़ ना थी शायद तू उसके दिल से,,
उसके लिए तो तुही फज़र तुही मगऱीब था..
जब तेरा दिल मेरे दिल के क़रीब था..
दूरियां लिखी थी हमारी क़िस्मत में,,
या शायद वो वक़्त थोड़ा अजीब था..
तेरे पास खड़ा वो सेहमा सा लड़का,,
तेरे लिए शायद वो तेरा रक़ीब था...
वाक़िफ़ ना थी शायद तू उसके दिल से,,
उसके लिए तो तुही फज़र तुही मगऱीब था..
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