Sunday 6 January 2019

तुम से बिछड़ कर.....

तुम  से  मिलने  की  तमन्ना  तो  अब  भी  है  दिल  में  मेरे,,
फिर  न  जाने  क्यों  तुम  से  बिछड़  कर  मुझे  अच्छा  लगा..

वज़ह  और  भी  है  ज़माने  में  ज़िंदा  रैहने  के  लिए,,
पर  दिल  को  मेरे  तेरी  याद  में  जीना  अच्छा  लगा..

हमनवा  मेरे  करता  रहू  बातें  तुम  से  शाम-ओ-सहर ये  चाहता था  मैं,,
फिर न जाने क्यों मेरे दिल का ख़ामोशी इख़्तियार करना मुझे अच्छा लगा..

-साबिर बख़्शी



Tuesday 1 January 2019

ऐ नए साल बता क्या है तुझमें नई बात........

वैसे ही गुज़रे है दिन मेरे वैसे ही गुज़रेगी रात,,
ऐ नए  साल  बता  क्या है  तुझ  में नई बात,,

क्यों मचाता है शोर दीवानो की तरह ऐ दिल,,
न बदले है वक़्त तेरे न ही बदले है तेरे हालात..

ऐ नए  साल  बता  क्या है  तुझ  में नई  बात....

तेरे  आने  से  दिल  में  आये  है  नए  जज़्बात,,,
उम्मीदें  है  बढ़ने  लगी  खुशियों  का  है  साथ,,

भुला के खुद को खुश हो जाता हूँ एक पल के लिए,,
पर गुज़रे वक़्त की याद में आँखों से होती है बरसात..

ऐ  नए  साल  बता क्या  है  तुझ  में नई  बात......

 👉 https//twitter.com/SBukhshi/status/1080161577083367424?s=19

-साबिर बख़्शी

तू कभी मेरी हो न पाई....

सुन अब तो तू हज़ार वादें कर ले  और दे-दे चाहे मुझे लाखो सफाई मगर इतना तो बता ये कैसे भूलूँगा मैं   के फितरत में तेरी शामिल है बेवफाई   मान लि...