दिल भी मेरा रो पड़ा है तुझसे फर्याद करते करते
आंसू भी मेरी सुख गयी है तुझे याद करते करते |
दूरी इख़्तियार की तुमने शायद मुझे भुलाने की खातिर
और हमने खुद को मिटा दिया तुम्हे आज़ाद करते करते |
घर का चराग बुझा दिया तेरा घर आबाद करते करते
तेरी ख़ुशी मांगी है रब से खुद को बर्बाद करते करते |
भुला दिया खुद को भी इस क़दर मैंने तेरी राहों में
मेरी दुआए भी तेरे घर पहुंची तुझे याद करते करते |
आंसू भी मेरी सुख गयी है तुझे याद करते करते |
दूरी इख़्तियार की तुमने शायद मुझे भुलाने की खातिर
और हमने खुद को मिटा दिया तुम्हे आज़ाद करते करते |
घर का चराग बुझा दिया तेरा घर आबाद करते करते
तेरी ख़ुशी मांगी है रब से खुद को बर्बाद करते करते |
भुला दिया खुद को भी इस क़दर मैंने तेरी राहों में
मेरी दुआए भी तेरे घर पहुंची तुझे याद करते करते |
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