#justicefor #ट्विंकल
बलात्कारी हो या हत्यारे, हिन्दु हो या मुस्लमान
कुछ तकलीफें झेल कर छूट ही जाते है शैतान
किसकी है गलती बस इस बात पे करते है चर्चे
मोम्बत्तियाँ तो जलाते है पर ढूंढते नहीं समाधान
बदनामियों के बाद बदल लेते है घर-व-पहचान
बिकता है हर सबूत लगाओ बस ठीक अनुमान
लोग यहाँ हर रोज एक नई वज़ह तलाश कर
इसकी, उसकी गलती बता कर भरते है कान
तहज़ीब में रहकर करते है लोग यहाँ अपमान
इंसान सारे मर चुके है यहाँ रहते है बस हैवान
थोड़ी ख़ामोशी से मचाते है यहाँ शोर-ओ-गुल
शर्मसार होता रहा है हर बार सारा हिन्दुस्तान
ना जाने किस की सूरत में दिखने लगे शैतान
सहमा - सहमा रहने लगा है यहाँ हर इंसान
घरो में हर रोज आने लगे है नए - नए किस्से
सुनते है यहाँ लोग, चुप बैठे है सियासत-दान
फूल खिलते ही चमन में , छीन लेते है जान
उम्र दिखे, न दिखे मासूमियत, है कैसे इंसान
रो पड़ती है 'साबिर' वे -जान चीज़े भी यहाँ
बस पिघलता नहीं दिल उनका, जो है हैवान
बलात्कारी हो या हत्यारे, हिन्दु हो या मुस्लमान
कुछ तकलीफें झेल कर छूट ही जाते है शैतान
किसकी है गलती बस इस बात पे करते है चर्चे
मोम्बत्तियाँ तो जलाते है पर ढूंढते नहीं समाधान
बदनामियों के बाद बदल लेते है घर-व-पहचान
बिकता है हर सबूत लगाओ बस ठीक अनुमान
लोग यहाँ हर रोज एक नई वज़ह तलाश कर
इसकी, उसकी गलती बता कर भरते है कान
तहज़ीब में रहकर करते है लोग यहाँ अपमान
इंसान सारे मर चुके है यहाँ रहते है बस हैवान
थोड़ी ख़ामोशी से मचाते है यहाँ शोर-ओ-गुल
शर्मसार होता रहा है हर बार सारा हिन्दुस्तान
ना जाने किस की सूरत में दिखने लगे शैतान
सहमा - सहमा रहने लगा है यहाँ हर इंसान
घरो में हर रोज आने लगे है नए - नए किस्से
सुनते है यहाँ लोग, चुप बैठे है सियासत-दान
फूल खिलते ही चमन में , छीन लेते है जान
उम्र दिखे, न दिखे मासूमियत, है कैसे इंसान
रो पड़ती है 'साबिर' वे -जान चीज़े भी यहाँ
बस पिघलता नहीं दिल उनका, जो है हैवान
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