Tuesday 14 August 2018

Bharat ki baat kar....

राह-ए-हक़ पे चल कर,अज़मत की बात कर,,
ए क़ौम-ए-हिन्द मेरे भारत की बात कर,,

नफरत को मिटा कर संसार मे मोहब्बत क़ाएम कर,,
नूर-ए-हक़ फैला कर फ़ज़ाओं में चाहत की बात कर,,
ए क़ौम-ए-हिन्द मेरे भारत की बात कर..!!

सरहद-ए-मौत पर दिवार बन खड़े थे चमन के वास्ते वतन वाले,,
ललकार से जिनके फ़ज़ाएँ गूँज उठी थी उनके हिम्मत की बात कर,,
ए क़ौम-ए-हिन्द मेरे भारत की बात कर..!!

वतन-परस्तों ने वतन को दिल-ए-अज़ीज़ जान कर,,
आज़ादी के खातिर जान दी है उनके शहादत की बात कर,,
ए क़ौम-ए-हिन्द मेरे भारत की बात कर..!!

तोड़ कर बंदिशें ज़ात-पात की 'साबिर' अब खुद को आज़ाद कर,,
लूट चुकी आबरूऐं बहुत वतन की अब हिफाज़त की बात कर,,
ए क़ौम-ए-हिन्द मेरे भारत की बात कर..!!

No comments:

Post a Comment

Plz comment if you like the post

तू कभी मेरी हो न पाई....

सुन अब तो तू हज़ार वादें कर ले  और दे-दे चाहे मुझे लाखो सफाई मगर इतना तो बता ये कैसे भूलूँगा मैं   के फितरत में तेरी शामिल है बेवफाई   मान लि...